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किसान तीन बजे रात्रि से ही कतार लगाए खड़े रहे,लेकिन शाम तक उन्हें डीएपी की एक अदद बोरी मयस्सर नहीं हुई और भूखे प्यासे किसान व्यवस्था को कोसते घर वापस लौटने पर हूए मजबूर

सिंघिया/समस्तीपुर:कृषि प्रधान देश में किसानों की आय दोगुनी करने पर जोर दिया जा रहा है। वहीं किसान एक बोरी खाद के लिए मारे- मारे फिर रहे हैं। हालत यह है कि ठंड के मौसम में भी किसान सुबह तीन बजे से लाइन लगा रहे हैं, लेकिन उन्हें दिन ढलने तक सिर्फ खाद के लिए इंतजार करना पड़ रहा है।प्रशासन के दावों के विपरीत सिंघिया प्रखंड में सरकारी समितियों के इफको गूदाम पर डीएपी का सूखा पड़ गया है। इससे किसानों को गेहूं की बोआई रोकनी पड़ रही है। सिंघिया प्रखंड में समिति पर स्थिति विकट हो चली है। सिंघिया नगर पंचायत के अलावा एक दर्जन ग्राम पंचायतों का दारोमदार इस कृषि सेवा केंद्र पर है। रबी की बोआई के लिए किसान तीन बजे रात्रि से ही कतार लगाए खड़े रहे, लेकिन शाम तक उन्हें डीएपी की एक अदद बोरी मयस्सर नहीं हुई और भूखे प्यासे किसान व्यवस्था को कोसते घर वापस लौटने पर मजबूर हुए।किसानों ने गोदाम इंचार्ज सहित कर्मचारियों पर कालाबाजारी का आरोप लगाते हुए कहा कि वह और खाद मंगाने का बहाना करके किसानों को खाद देना नहीं चाह रहे हैं। किसानों के आक्रोश के बाद भी गोदाम वालों ने खाद नहीं वितरित की, जिससे आक्रोशित किसान लौट गए। प्रखंड क्षेत्र में धान की कटाई का कार्य लगभग पूरा हो चुका है। अब नमी रहते खेत में रबी की प्रमुख फसल गेहूं की बोआई करनी है, लेकिन डीएपी खाद न मिलने के कारण किसानों की बोआई पिछड़ रही है। उन्हें यह भय सता रहा है कि अगर शीघ्र बोआई नहीं की गई तो खेत की नमी समाप्त हो जाएगी और उन्हें सिचाई में अतिरिक्त धन व्यय करना पड़ेगा। खाद वितरण के आस में आधीरात से पुरुष तो पुरुष महिला किसान भी तीन बजे रात्रि से लेकर दिन भर डटे रहे। उसके बाद‌ भी किसान को खाली हाथ लौटना पड़ा। महारा पंचायत की महिला किसान ने कहा कि खाद नहीं मिली तो रबी की बोआई पिछड़ जाएगी। चार दिन से खाद के लिए केंद्र का चक्कर लगा रही हूं, एक किसान ने कहा कि हर बार गेहूं की बोआई के वक्त सहकारी समिति पर खाद नहीं मिलती है, इस बार चुनाव नजदीक है तो उम्मीद थी कि खाद की किल्लत नहीं होगी, लेकिन स्थिति पहले की तरह ही है। वहीं नगर पंचायत के किसान ने बताया कि किसान खाद के लिए मारे मारे फिर रहे हैं, रात में तीन बजे से लाइन लगाई थी लेकिन कोई सुनने वाला नहीं है। कृपाल ने कहा कि रात में दो बजे से लाइन में लगा हूं, दो बज गए, लेकिन कोई पुरसाहाल नहीं।आपको बता दें किसान इन दिनों गेहूं की फसलों की बुआई करने में जुटे हुए हैं. खाद की जरूरत के चलते उन्हें खाद नहीं मिल पा रही है.किसानों का कहना है कि सुबह से आकर केंद्रों में लाइन लगाते हैं.गोदाम में खाद होने के बावजूद खाद नहीं मिल पा रही है,जिससे प्राइवेट दुकानदार महंगे रेट में बेच रहे हैं। सिंधिया प्रखंड में डीएपी खाद की भारी कमी से किसानों की परेशानी दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है.क्षेत्र के खाद केंद्रों पर रात्रि से ही किसानों की लंबी कतारें देखी जा सकती हैं,जो केवल एक बोरी खाद के लिए घंटों इंतजार करने को मजबूर हैं.खाद न मिलने से किसानों के सामने काफी संकट खड़ा होने लगा है। और अब वो अब खेत में होने वाली बुवाई को लेकर काफी चिंतित हैं.किसान पूरे-पूरे दिन लाइन लगाते हैं और उसके बावजूद उन्हें खाद नहीं मिलती है। रोसड़ा अनुमंडल पदाधिकारी आकाश चौधरी ने बताया कि,खाद केंद्रों में कुछ जगह समस्या की जानकारी हुई है जिस पर गौर किया जा रहा है. सभी किसानों को खाद उपलब्ध कराई जाएगी.

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