वायनाड से लोकसभा सांसद प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को लोकसभा में संविधान पर चर्चा के दौरान पहली बार बोलते हुए प्रियंका गांधी ने केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। लोकसभा में अपने पहले भाषण के दौरान प्रियंका गांधी 32 मिनट तक बोलीं, प्रियंका गांधी ने कहा कि देश देख रहा है कि एक व्यक्ति को बचाने के लिए 142 करोड़ जनता को नकारा जा रहा है। सारे बिजनेस, सारे संसाधन और सारे मौके एक ही व्यक्ति को सौंपे जा रहे हैं। सारे बंदरगाह, खदाने, एयरपोर्ट्स एक व्यक्ति को दिए जा रहे हैं। जनता के मन में एक विश्वास होता था कि अगर कुछ नहीं है तो संविधान उनकी रक्षा करेगा, लेकिन आज देश में गैर बराबरी बढ़ रही है। अमीर और अमीर हो रहे हैं और गरीब, ज्यादा गरीब हो रहा है।सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘राजनीतिक फायदे के लिए देश की एकता को भी ताक पर रखा जा रहा। इनका कहना है कि देश के अलग-अलग हिस्से हैं, लेकिन संविधान कहता है कि देश एक है और एक ही रहेगा। जहां खुला संवाद और अभिव्यक्ति का कवच होता था, वहां इन्होंने भय का माहौल पैदा किया। इस देश की जनता ने निडर होकर देश की सत्ता को ललकारा, उन्हें चेतावनी दी, उनसे जवाब मांगा। इस देश के घर-घर, गली-मोहल्ले और न्यायपालिका में चर्चाएं कभी बंद नहीं हुईं, लेकिन आज जनता को सच बोलने से डराया-धमकाया जाता है। सभी का मुंह बंद कराया जाता है, किसी पर ईडी, सीबीआई, आयकर विभाग पर फर्जी मुकदमे लगाए जाते हैं। इस सरकार ने किसी को नहीं छोड़ा।’प्रियंकागांधी ने कहा मैंने संविधान की जोत को जलते हुए देखा है। हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है, जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। ये न्याय, एकता और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। सत्ता पक्ष के साथी जो बड़ी बड़ी बातें करते हैं। इन्होंने बीते 10 वर्षों में ये सुरक्षा कवच तोड़ने का प्रयास किया। इस संविधान ने हर नागरिक को अधिकार दिया कि वो सरकार बना भी सकता है और सरकार बदल भी सकता है। संविधान की जोत ने हर नागरिक को यह विश्वास दिया कि देश बनाने में उसकी भी भागीदारी है।प्रिंयका गांधी ने कहा कि ‘ऐसा डर का माहौल देश में अंग्रेजों के राज में था, जब इस तरफ बैठे हुए गांधी विचारधारा वाले लोग आजादी की लड़ाई लड़ रहे थे, वहीं उस तरफ के लोग भय में रहकर अंग्रेजों के साथ सांठ-गांठ कर रहे थे। भय फैलाने वाले खुद भय का शिकार हो जाते हैं। आज इनकी भी यही स्थिति हो गई है। चर्चा से डरते हैं, आलोचना से घबराते हैं। इनमें चर्चा की हिम्मत नहीं है। आज के राजा में न जनता के बीच जाने की हिम्मत है और न आलोचना सुनने की।’सरकार पर निशाना साधते हुए प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘राजनीतिक फायदे के लिए देश की एकता को भी ताक पर रखा जा रहा। ‘संविधान में सामाजिक, आर्थिक न्याय का वादा है, इसे तोड़ने का काम शुरू हो चुका है। लेटेरल एंट्री के जरिए ये सरकार संविधान को कमजोर करने का काम कर रही है। अगर लोकसभा के नतीजें ऐसे न आए होते तो संविधान को बदलने का काम शुरू हो गया होता।’ आज सारे संसाधन ‘एक ही व्यक्ति को दिए जा रहे है।आज संसद में बैठे सत्ता पक्ष के लोग अतीत की बात करते हैं, वर्तमान की बात करिए। देश को बताइए आपकी क्या जिम्मेदारी है, आप क्या कर रहे हैं। देश का किसान आज परेशान है। छोटे किसान रो रहे हैं, क्योंकि एक व्यक्ति के लिए सबकुछ बदला जा रहा है।प्रियंका गांधी ने कहा कि ‘ये सिर्फ दस्तावेज नहीं है। इस संविधान के निर्माण में कई नेता वर्षों तक जुटे रहे। गांधी ने कहा कि ‘हजारों साल पुरानी हमारे देश की, धर्म की एक पुरानी परंपरा रही है, ये परंपरा संवाद, चर्चा की रही है।