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शपथ में एक दर्जन वार्ड पार्षद की जगह लग भग आधा दर्जन महिला वार्ड पार्षद के जगह उनके परिवार के लोग ही गीता तुलसी गंगाजल के सामने भ्रष्टाचार मुक्त आदर्श नगर पंचायत बनाने के लिए कसमे खाते हूए नजर आए,

सिंघिया/समस्तीपुर: सिंघिया नगर पंचायत में इस समय मुख्य पार्षद और उप मुखपार्षद के सहयोगियों के बीच जुबानी जंग काफी तेज हो चुकी है। या यूं कहें कि, चैनलों पर अपनी-अपनी चेहरा दिखाने के लिए होर सी मची हई है, नगर पंचायत में विकास का कार्य पूरी तरह से ठप हो चुका है। वही दूसरी तरफ वार्ड पार्षद अपने क्षेत्र की जनता से दूरी बनाकर समाचार पत्रों में बना रहना ही मुनासीब समझते हैं। इसी कड़ी में शुक्रवार के दिन सिंधिया नगर पंचायत के उप मुख्य पार्षद गुट के एक दर्जन सहयोगियों ने गीता गंगाजल और तुलसी रख कर शपथ लिया है कि, नगर पंचायत सिंघिया को भ्रष्टाचार मुक्त आदर्श नगर पंचायत बना कर रहेंगे। लेकिन इस बैठक में एक खास बात यह रही की इस शपथ में एक दर्जन वार्ड पार्षद की जगह लग भग आधा दर्जन महिला वार्ड पार्षद के जगह उनके परिवार के लोग ही गीता तुलसी गंगाजल के सामने भ्रष्टाचार मुक्त आदर्श नगर पंचायत बनाने के लिए कसमे खाते हूए नजर आए, बता दें कि सिंघिया नगर पंचायत में एक ही गुट नहीं बल्कि दोनों गुट में महिला जनप्रतिनिधि के बदले उनके परिवार के सदस्य ही प्रतिनिधित्व करते नजर आते हैं।जब की महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने के लिए सरकार ने ग्राम पंचायत से लेकर संसद तक आरक्षण कर रखा है।लेकिन नगरीय निकाय में आज भी चुनकर आई महिला पार्षदों के स्थान पर उनके पति, पुत्र, भाई, अन्य रिश्तेदार महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहे हैं।ज्यादा पार्षदों का कामकाज उनके पति, पुत्र, भाई, देवर या अन्य रिश्तेदार संभाल रहे हैं।नगर पंचायत चुनाव से पहले पार्षद पद के लिए महिला उम्मीदवारों ने पार्टी नेताओं, कार्यकर्ताओं, रिश्तेदारों के साथ जोर-शोर से प्रचार-प्रसार किया था। लेकिन चुनाव के बाद अब तक कई मतदाताओं ने महिला पार्षदों की शक्ल नहीं देखी है। मतदाताओं का कहना है कि समस्याओं के निराकरण के लिए मोबाइल फोन लगाने पर महिला पार्षद के पति, पुत्र से ही बात होती है। वे समस्याएं सुनकर निराकरण करा देते हैं। महिला पार्षद के पति-पुत्र ही वार्ड विकास की रणनीति बनाते देखे जाते हैं। बताते चलें कि वार्ड का सफल संचालन के लिए पार्षद को परिसीमन का पूर्ण जानकारी होना जरुरी होता है।जन प्रतिनिधि के कंधे पर वार्ड की विकास का जिम्मेदारी होता है।हर जनता को अपने प्रतिनिधि से अपेक्षा होता है।वार्ड में सतत विकास की रुपरेखा तय करने के लिए पार्षद को हमेशा सक्रिय रहना चाहिए।ऐसा पार्षद हो जिन्हें वार्ड की तमाम समस्याओं की जानकारी हो।ताकि वह समस्या व स्थान चिन्हित कर आसानी से समाधान कर सके।साथ ही पार्षद जुझारु होना चाहिए। जो जनता की समस्या का स्थायी निदान करे न की काम काम छोड़ कर समाचार पत्रों के पन्नों पर फोटो छपवाने में मशगूल रहे।

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