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विनय कुमार बिहार के डीजीपी बनने के बाद से ही एक्शन मोड में,कानून व्यवस्था सुधारने के लिए उठाए कई करे कदम

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पटना: 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी विनय कुमार बिहार के डीजीपी बनने के बाद से ही एक्शन मोड में हैं और उन्होंने कानून व्यवस्था सुधारने के लिए कई कड़े कदम उठाए भी हैं.और लगातार उठा भी रहे हैं।उन्होंने माफियाओं और अपराधियों की अवैध संपत्ति जब्त करने के लिए बीएनएस एक्ट के तहत कार्रवाई करने का आदेश दिया।विनय कुमार के एक्शन का ही नतीजा है अब हर जिले के एसपी देर रात तक ऑफिस में बैठने लगे हैं. रात को एसएचओ, डीएसपी और एसपी सड़कों पर गश्त करने उतरने लगे हैं. उन्होंने बिहार के सभी जिलों के एसपी के माध्यम से बिहार के सभी जिलों के कुख्यात अपराधी, शातिर अपराधी,और अपराध की बड़ी बड़ी घटनाओं को अंजाम देने वाले अपराधियों और भू- माफियाओ के द्वारा अर्जित संपत्ति की लिस्ट भी मंगवाई।बिहार एसटीएफ को अपराधियों पर और ज्यादा करारा प्रहार करने का भी निर्देश दिया।एसटीएफ में "एनकाउंटर स्पेशलिस्ट" को बड़ी जिम्मेदारी दी गई।डीजीपी ने पुलिसकर्मियों के लिए नया आदेश जारी किया है, जिसमें पुलिस अधिकारियों की मनमानी पर रोक लगाने की बात कही गई।दरअसल, डीजीपी ने महानिदेशक नियंत्रण कक्ष और सोशल मीडिया सेंटर का भ्रमण किया था। इस दौरान पाया गया कि कई पदाधिकारी और कर्मी जिंस, टी-शर्ट एवं अन्य परिधान धारण किए हुए हैं, जबकि सरकारी कर्मियों के लिए सिविल ड्रेस एवं वर्दी निर्धारित है। इसके बाद डीजीपी ने इस बाबत आदेश जारी किया की ड्यूटी के दरमियान सभी पुलिस अधिकारी व पुलिस कर्मी वर्दी में रहेंगे।डीजीपी ने सभी थानेदारों को निर्देश दिया कि वे अपने क्षेत्र में कम से कम एक माफिया की संपत्ति जब्त करेंगे।डीजीपी ने प्रेस, पुलिस, आर्मी या अन्य सांकेतिक शब्द लिखे वाहनों की जांच के भी आदेश दिए। उन्होंने कहा कि कि पुलिस को आम लोगों के बीच रहना होगा और अपराधियों को पकड़ने के लिए दिन-रात गश्त तेज करनी होगी.उतना ही नहीं बिहार के नए डीजीपी विनय कुमार सबसे पहले बिहार के भ्रष्ट पुलिस अधिकारियों को ‘बांधने’ की मुहिम में जुट गए. और इसी कड़ी में बिहार के कई थानेदारों, दारोगा और इंसपेक्टर पर मुकदमा दर्ज होना शुरू हो गया है.डीजीपी विनय कुमार के चाबुक का असर सबसे पहले मोतिहारी और उसके बाद मुजफ्फरपुर में दिखा है.मुजफ्फरपुर के एसएसपी ने जिले के 134 पुलिस अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का आदेश दिया है.इन पुलिसकर्मियों ने तैनाती के दौरान आपराधिक फाइलें को गायब कर दिया और पुलिस डायरी अपने साथ लेकर चले गए.

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