“बिहार में ‘पीके’ का खौफ़—सत्ता के बड़े नामों की धड़कनें तेज़

- Reporter 12
- 22 Sep, 2025
मोहम्मद आलम
बिहार की राजनीति में इस समय सबसे बड़ी बेचैनी सत्ता की कुर्सी पर बैठे नेताओं और अफसरों के चेहरों पर साफ़ देखी जा सकती है। वजह है—प्रशांत किशोर की खुली चुनौती।
प्रशांत किशोर लगातार जनसभाओं में सत्ता दल के मंत्रियों और नेताओं के भ्रष्टाचार का पर्दाफ़ाश कर रहे हैं। यही कारण है कि सत्ता के गलियारों में उनका नाम लेना तक जोखिम भरा बन गया है।प्रशांत किशोर ने जिन नामों पर उंगली उठाई है, वे कोई छोटे-मोटे चेहरे नहीं हैं, बल्कि सत्ता और राजनीति की बड़ी हस्तियाँ हैं—
मंत्री अशोक चौधरी और उनका परिवार,
स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडे
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल,
पूर्व प्रदेश अध्यक्ष और सांसद संजय जयसवाल
बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी,
इन नेताओं पर ज़मीन खरीद से लेकर आर्थिक गड़बड़ियों तक के गंभीर आरोप खुले मंच से लगाए जा रहे हैं। पीके की सभाओं में जब इन मुद्दों का ज़िक्र होता है तो जनता तालियाँ बजाती है, लेकिन सत्ता दल के नेताओं की धड़कनें तेज़ हो जाती हैं।दरअसल, यह डर प्रशांत किशोर का नहीं बल्कि उन सच्चाइयों का है जो धीरे-धीरे जनता के सामने आ रही हैं।सवाल यही है कि अगर मंत्री और सांसद बेदाग़ हैं तो फिर उनका नाम सुनते ही चेहरा क्यों उतर जाता है? क्यों हर सभा में उठते सवालों पर सत्ता पक्ष के नेता और अफसर चुप्पी साध लेते हैं?
आज की हक़ीक़त यह है कि बिहार की राजनीति में सबसे बड़ा खौफ़ अब भ्रष्टाचार उजागर करने वाले प्रशांत किशोर का है।
Leave a Reply
Your email address will not be published. Required fields are marked *