महागठबंधन में घमासान: दिल्ली में सुलझेगा सीट बंटवारे का पेंच, कांग्रेस ने तेजस्वी को दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

- Reporter 12
- 12 Oct, 2025
मोहम्मद आलम
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के लिए महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर जबरदस्त खींचतान जारी है। पटना की कई दौर की बैठकों के बावजूद कोई सहमति नहीं बन सकी, अब फैसला दिल्ली में होगा। तेजस्वी यादव खुद दिल्ली रवाना हो रहे हैं, जहां राहुल गांधी से उनकी मुलाकात तय मानी जा रही है।सूत्रों के मुताबिक, राजद ने कांग्रेस को 50 सीटों का ऑफर दिया, लेकिन कांग्रेस ने इसे सिरे से खारिज करते हुए 60 सीटों की मांग पर अड़ गई है। इतना ही नहीं, कांग्रेस ने राजद को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि अगर समझौता नहीं हुआ तो वह पहले चरण के उम्मीदवारों की सूची खुद जारी करेगी।
कांग्रेस-राजद के बीच सीटों पर तकरार चरम पर
राजद 130 से 138 सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी में है और किसी भी सहयोगी के दबाव में झुकने को तैयार नहीं है। पार्टी का तर्क है कि गठबंधन में उसका जनाधार सबसे बड़ा है, इसलिए हिस्सेदारी भी उसी अनुपात में होनी चाहिए।
दूसरी ओर, कांग्रेस अपनी पुरानी सिटिंग सीटों और वोट शेयर के आधार पर ज्यादा हिस्सेदारी चाहती है। बताया जा रहा है कि तेजस्वी की नजर कांग्रेस की कुछ मौजूदा सीटों पर भी है, जिससे तनातनी और बढ़ गई है।
पारस को विलय का ऑफर, लेफ्ट दलों से भी खींचतान
तेजस्वी यादव ने पशुपति पारस को सिर्फ आठ सीटें देने की पेशकश की, लेकिन साथ ही पार्टी विलय का सुझाव देकर सियासी तापमान और बढ़ा दिया। इसके बाद पारस गुट ने आपात बैठक बुला ली है।
वहीं लेफ्ट दलों के साथ भी समीकरण बिगड़े हुए हैं ,
सीपीआई(एमएल) 30 सीटें चाहती है, राजद 22 पर अड़ी है।सीपीआई को 24 की उम्मीद, पर ऑफर सिर्फ 7 सीटों का।सीपीएम 10 सीटें मांग रही, पर तेजस्वी 5 से आगे नहीं बढ़ रहे।मुकेश सैनी की पार्टी को 30 की उम्मीद, पर मिली सिर्फ 18 की पेशकश।
एनडीए में भी ‘सीट संग्राम’ जारी
उधर एनडीए खेमे में भी हालात बेहतर नहीं हैं। चिराग पासवान 29 सीटों, उपेंद्र कुशवाहा 7 सीटों और जीतन राम मांझी अपने हिस्से की सीटों पर अड़े हुए हैं। दिल्ली में लगातार बैठकें चल रही हैं, लेकिन अब तक कोई अंतिम समझौता नहीं हो पाया है।
चुनाव नजदीक, समीकरण अब भी उलझे
बिहार में पहले चरण का मतदान 6 नवंबर और दूसरा 11 नवंबर को होना है, जबकि नतीजे 14 नवंबर को आएंगे। लेकिन दोनों खेमों में सीटों का समीकरण अभी तक तय नहीं हो सका है — यानी चुनावी जंग शुरू होने से पहले ही गठबंधन की परीक्षा की घड़ी आ गई है।
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